मसीही गीत हिंदी में | बिना सच्ची प्रार्थना के, सच्ची सेवा नहीं होती (Lyrics)
प्रार्थना कोई संस्कार नहीं है, कई मायने हैं इसके।
लोगों की दुआओं में देखा जा सकता है
ईश्वर को जिसकी वे सेवा करते हैं।
यदि तुम प्रार्थना को संस्कार मानते हो,
तो ईश्वर की सेवा तुम ठीक से नहीं करोगे।
बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।
लाती है ये सेवा और काम।
यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,
पर कभी तुम गंभीर या समर्पित
प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,
तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।
कह सकते हैं कि यदि तुम्हारी प्रार्थना नहीं है सच्ची या निष्कपट,
तो परमेश्वर तुम्हें नहीं गिनेगा, अनदेखा करेगा।
पवित्र आत्मा तुम पर काम नहीं करेगा।
यदि तुम प्रार्थना को संस्कार मानते हो,
तो ईश्वर की सेवा तुम ठीक से नही करोगे।
बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।
लाती है ये सेवा और काम।
यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,
पर कभी तुम गंभीर या समर्पित
प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,
तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।
गर तुम अक्सर परमेश्वर से प्रार्थना करते हो,
ये साबित करता है कि तुम उसको गंभीरता से लेते हो।
गर तुम खुद ही काम करो और प्रार्थना नहीं करते हो,
और उसके पीठ के पीछे ऐसा-वैसा करते हो।
तुम अपनी चीज़ें कर रहे हो,
तुम अपना काम कर रहे हो।
तुम्हें लगता है ऐसा कि तुमने ईशनिन्दा नहीं की,
परेशान नहीं किया, पर अपना कार्य करना है दखल देना।
स्वभाव से तुम ईश्वर का विरोध करते हो।
बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।
लाती है ये सेवा और काम।
यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,
पर कभी तुम गंभीर या समर्पित
प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,
तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।
"मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना" से
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Listen to music in praise of the Lord of Creation, quiet yourself before God and taste His love, and before you know it your heart will grow closer to God.
क्या आप प्रार्थना का महत्व जानते हैं? प्रार्थना किए बिना, परमेश्वर और मनुष्य के बीच क्या संबंध कैसा होता है?
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